यूँ तो वर्ष भर परिजन वृक्ष लगाते हैं किन्तु एक लक्ष्य लेकर वर्षा के इस समय पौधा लगाना अपेक्षाकृत सरल होता है । चातुर्मास के इस पवित्र काल में यह पुण्य काम अधिक फलदायी हो सकता है । इस वर्ष के लिए वृक्षारोपण के निम्नलिखित प्रकल्प प्रस्तावित है | कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी रूचि एवं सम्भावना अनुसार एकाधिक प्रकल्प हाथ में लिए जा सकते हैं |
01 . माताजी की बाड़ी - प्रत्येक देव परिवार जिनके पास आँगन / छत / बालकोनी में ३ x ३ की जगह उपलब्ध हो वे माताजी की बाड़ी (घरेलू रोपणी ) में 50 पौधे अपने यहाँ स्थापित करे एवं पौधों का पालन पोषण कर बड़ा करे लें |
02 . श्रद्धा रोपणी - प्रत्येक शक्तिपीठ अपने यहाँ एक १० x १० की रोपणी तैयार करे जिसमें 500-1000 पौधे तैयार हो सकते हैं | इन पौधों को जन्मदिन, विवाहदिन पर तरूप्रसाद के रूप मे उपयोग कर सकते हैं |
03 . उपरोक्त १ एवं २ में जो पौधे तैयार होंगे उन्हें 2021 में शान्तिकुन्ज की स्वर्ण जयन्ती पर देश में " शान्तिकुन्ज स्वर्ण जयन्ती वनों " में उपयोग किया जायेगा ।
04 . शान्तिकुन्ज की स्वर्ण जयन्ती की स्मृति में वृहद् वृक्षारोपण हेतु अपने क्षेत्र में खाली भूमि/टेकरी/पहाड़ी/विद्यालय/नदी के तट को गोद लेकर उसे " शान्तिकुन्ज स्वर्ण जयन्ती वन " के रूप में विकसित करें तथा तरु पुत्र योजनान्तर्गत सामूहिक वृक्षारोपण हेतु भी उपयोग किया जा सकता है ।
05 . गमलों में स्वास्थ्य - चयनित २० वनौषधियों को घर पर गमलों में रोपण कर सामान्य स्वास्थ्य रक्षण करना ।
06 . लघु आरोग्य वाटिका - कोविद -१९ के संकट से जीवन रक्षा एवं अपने परिवारजनों को जीवनी शक्ति विकास के लिए अपने घर पर गमलों में जीवनी शक्ति वर्धक वनौषधियों यथा - तुलसी , अमृता (गिलोय ) , घृतकुमारी (एलोवेरा ) , आज्ञाघास , वासा (अडूसा ), हल्दी ,अदरक , कालमेध , शरपुंखा आदि का रोपण करें |
07. शाक वाटिका - घर घर में आंगनबाडी का विकास करना जिससे परिजनों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना एवं पारिवारिक पोषण हेतु रसायन रहित शाक उपलब्ध कराना ।
08 . बीज बम - इस मौसम में उपलब्ध फलों यथा, आम, जामुन, बेल आदि के बीजों को गोबरयुक्त मिट्टी के गोले बना कर उनमें बीच में रखना बाद में आसपास के खाली स्थानों पर, या यात्रा के दौरान जंगलों में उचित स्थान पर रख देना जिससे वर्षा होते ही उनमें से अंकुर निकलेंगे ।
09. तुलसी वृन्दावन की स्थापना - घर-घर में तुलसी के बिरवे की स्थापना एवं तुलसी के पौधों का वितरण ।
10. एक परिजन एक वृक्ष - यदि और कुछ नहीं कर सकें तो इतना तो अवश्य किया जा सकता है कि इस अवधि में हमारे परिजन एक वृक्ष तो अवश्य लगायें। होना तो यह चाहिये कि परिवार में चार सदस्य हों तो कम से कम चार पौधे तो अवश्य लगायें, उनकी कम से कम एक वर्ष पूरी देखभाल करें तो भी लाखों वृक्ष अल्प से प्रयास से लग जायेंगे। आपके परिवार द्वारा लगाये वृक्षों की संख्या हमें सीधे अथवा संगठन, शक्तिपीठ के माध्यम से अवश्य सूचित करें जिससे इस अवधि में लगे वृक्षों की संख्या ज्ञात हो सके।
11 . रक्षाबन्धन पर भाई-बहिन एक दूसरे के नाम का वृक्ष लगायें तथा तरु भेंट प्रदान करें।